आजकल बहुत से लोग शेयर बाजार में निवेश करने लगे हैं। शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक खास तरह का अकाउंट चाहिए जिसे डीमैट अकाउंट कहा जाता है। लेकिन जब लोग नया-नया निवेश करना शुरू करते हैं, तो उनके मन में सबसे बड़ा सवाल होता है:
“क्या डीमैट अकाउंट में मेरा पैसा सुरक्षित है?” अगर आपके मन में भी यही सवाल है, तो ये लेख आपके लिए है।आइए इसे एकदम आसान भाषा में समझते हैं, जिसे कोई बच्चा भी आसानी से समझ सके।
डीमैट अकाउंट क्या होता है?
डीमैट का पूरा नाम होता है — Dematerialized Account इसका मतलब होता है — आपके शेयरों को डिजिटल रूप में रखना।
जैसे आप बैंक में पैसे रखते हैं, वैसे ही डीमैट अकाउंट में आपके शेयर (स्टॉक, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड्स) रखे जाते हैं।
जिस प्रकार से एक बैंक अकाउंट में आप पैसे रखते है उसी तरह से demate अकाउंट में स्टॉक्स, म्यूच्यूअल फंड्स, बांड्स आईपीओ और अन्य तरह के निवेश किये जाते है इसमें आपको पैसे ऐड करने होते है फिर आप इन पैसो से शेयर को खरीद और बेच सकते है
डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है?
मान लीजिए आपने 5 शेयर खरीदे:
- रिलायंस
- टाटा मोटर्स
- एचडीएफसी बैंक
- आईटीसी
- ज़ोमैटो
जैसे आप बैंक में पैसे जमा करते है तो आपको अकाउंट बैलेंस दिखाई देता है उसी तरह से आपके demate account में पैसे दिखयी देंगे जैसे अगर आपके पास अभी ये 5 शेयर है तो आपके अकाउंट में ये दिखयी देंगे
उसी प्रकार से अगर आप अपने बैंक अकाउंट में पैसे निकालते है तो वैसे ही demate account में से आप share को बेच सकते है ये सारा काम अब डिजिटल हो गया है आपको कोई भी पेपर की जरूरत नहीं है
अब सवाल उठता है: क्या ये सब सुरक्षित है?
इसका जवाब है — हां, आपका डीमैट अकाउंट पूरी तरह सुरक्षित होता है। लेकिन इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी आप पर और सरकार दोनों पर होती है।
क्योकि अगर आप किसी को अपनी डिटेल्स देते है तो फिर फिर आपका demate अकाउंट सिक्योर नहीं है और जो ब्रोकर होता है उसमे आपकी जानकारी और शेयर होते है तो इसकी सुरक्षा सरकार लेती है
डीमैट अकाउंट की सुरक्षा कौन करता है?
भारत में डीमैट अकाउंट को दो सरकारी संस्थाएं संभालती हैं:
- NSDL – National Securities Depository Limited
- CDSL – Central Depository Services Limited
ये दोनों संस्था सरकार की देखरेख में काम करती हैं और इनका काम है आपके शेयरों को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखना।
NSDL और CDSL क्या करते हैं?
- आपके सभी शेयरों का रिकॉर्ड रखते हैं
- आपकी होल्डिंग (आपके पास कौन-कौन से शेयर हैं) की पूरी जानकारी संभालते हैं
- आपके शेयरों को किसी गलत व्यक्ति के पास जाने से रोकते हैं
आपका डीमैट अकाउंट इन्हीं के साथ लिंक होता है। ब्रोकर सिर्फ माध्यम होता है।
ब्रोकर कौन होता है?
जब आप शेयर खरीदते हैं तो Zerodha, Groww, Upstox, Angel One जैसे ऐप का इस्तेमाल करते हैं।
इन्हें ही ब्रोकर कहा जाता है।
ब्रोकर के ज़रिए ही आपका डीमैट अकाउंट खुलता है — लेकिन असली कंट्रोल NSDL या CDSL के पास होता है।
यानी:
अगर कल को ब्रोकर बंद भी हो जाए, तो भी आपके शेयर सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि वे NSDL या CDSL में सुरक्षित होते हैं। इनको आप एक लाकर की तरह समझ सकते है जिसमे आपकी डिटेल्स और शेयर्स होते है और ब्रोकर एक माध्यम होता है जिससे आप इसमें शेयर रख पाते है और बेच पाते है ये सारा काम ब्रोकर संभालता है आपके लिए
क्या मोबाइल ऐप से शेयर चोरी हो सकते हैं?
सिर्फ तब, जब आप अपना पासवर्ड, OTP या पिन किसी को बता दें।
सबसे बड़ी सुरक्षा आप खुद होते हैं। आपका ब्रोकर ऐप पूरी तरह एन्क्रिप्टेड होता है — यानी जानकारी चोरी नहीं हो सकती, जब तक आप खुद गलती न करें।
CDSL TPIN क्या है और ये क्यों जरूरी है?
CDSL TPIN एक 4-digit पासकोड होता है जो आपको हर बार शेयर बेचते समय चाहिए होता है।
इसके फायदे:
- बिना TPIN के कोई भी आपके शेयर नहीं बेच सकता
- ये OTP की तरह काम करता है — सिर्फ आप ही इस्तेमाल कर सकते हैं
- हर बार नया कोड आता है, जिससे सिक्योरिटी और बढ़ती है
कब डीमैट अकाउंट असुरक्षित हो सकता है?
हालांकि डीमैट अकाउंट बहुत सुरक्षित है, लेकिन कुछ गलतियाँ इसे खतरे में डाल सकती हैं:
गलती | खतरा |
---|---|
पासवर्ड किसी को बताना | कोई भी आपके शेयर बेच सकता है |
अनजाने लिंक पर क्लिक करना | फ़िशिंग से अकाउंट हैक हो सकता है |
बिना पढ़े ऐप परमिशन देना | डाटा चोरी का खतरा |
इसीलिए ध्यान रखें:
- OTP किसी को न बताएं
- मोबाइल या ईमेल हैक न हो, इसके लिए strong password रखें
- ब्रोकर ऐप को हमेशा अपडेट रखें
एक उदाहरण से समझिए
मान लीजिए आपने ₹50,000 लगाकर शेयर खरीदे हैं। ये शेयर आपके Groww App में दिख रहे हैं।
अब अगर Groww ऐप कल को बंद हो जाए —
तो घबराने की जरूरत नहीं है।
आप अपने शेयर को CDSL के myCDSL पोर्टल से देख सकते हैं।
बस लॉगिन कीजिए और आपके सभी शेयर वहां दिख जाएंगे।
👉 यानी Groww सिर्फ एक ज़रिया है, असली शेयर तो CDSL में हैं।
सरकार ने कौन-कौन सी सुरक्षा दी है?
सुरक्षा | कैसे काम करती है |
---|---|
SEBI रेगुलेशन | हर ब्रोकर को सख्त नियमों का पालन करना होता है |
CDSL/NSDL कंट्रोल | हर शेयर का रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाता है |
TPIN और OTP | बिना इनपुट के कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो सकता |
SMS/Email अलर्ट | हर बार आपको ट्रांजैक्शन की सूचना मिलती है |
FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. क्या मेरा पैसा ब्रोकर चुरा सकता है?
नहीं, क्योंकि आपका पैसा NSDL/CDSL में होता है। ब्रोकर सिर्फ माध्यम है।
Q2. अगर ब्रोकर दिवालिया हो गया तो क्या होगा?
कुछ नहीं होगा।
आपके शेयर NSDL या CDSL के पास सुरक्षित हैं।
आप किसी दूसरे ब्रोकर से लॉगिन कर सकते हैं और शेयर ट्रांसफर कर सकते हैं।
Q3. क्या डीमैट अकाउंट फ्री होता है?
नहीं। हर साल कुछ ब्रोकर डीमैट मेंटेनेंस चार्ज लेते हैं, जैसे ₹100–₹300 सालाना।
Q4. क्या बैंक डीमैट अकाउंट से अच्छा है?
बैंक सिर्फ पैसे रखते हैं। लेकिन शेयर और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए डीमैट अकाउंट ही जरूरी है।
Q5. डीमैट अकाउंट बंद कैसे करें?
आप ब्रोकर को लिखित में आवेदन देकर या ऐप से रिक्वेस्ट भेजकर डीमैट अकाउंट बंद कर सकते हैं।
निष्कर्ष: क्या डीमैट अकाउंट में पैसा सुरक्षित है?
तो आपको इस आर्टिकल में इस सवाल का जबाब मिल गया होगा की demate account में पैसा सुरक्षित है या नहीं इसमें वैसे तो आपका पैसा और स्टॉक्स सभी सुरक्षित रहते है क्योकि इसकी गारंटी सरकार की संस्था सेबी लेती है और अगर कोई demate अकॉउंट ब्रोकर बंद हो जाता है तो फिर आपके शेयर NSDL और CDSL में सुरखित रहते है